RBI Governor Signs: भारतीय रिज़र्व बैंक यानी आरबीआई अब नोटों पर भी सख्ती बरतने की तैयारी में है। जानकारी के अनुसार, बिना गवर्नर के हस्ताक्षर वाले करेंसी नोटों को लेकर आरबीआई ने सख्त रुख अपनाया है। इससे पहले आधार कार्ड में दोहरी पहचान पर एक्शन लिया गया था, अब नोटों की वैधता को लेकर भी बड़ा कदम उठाया जा रहा है। आरबीआई का मानना है कि बिना वैध हस्ताक्षर वाले नोट सिस्टम में भ्रम और फर्जीवाड़े का कारण बन सकते हैं। इसलिए अब ऐसे नोट अगर पाए जाते हैं, तो उनकी जांच की जाएगी और उन्हें सिस्टम से बाहर किया जा सकता है। आम लोगों से भी अपील की जा रही है कि वे ऐसे नोटों को पहचानें और सतर्क रहें।
बिना साइन वाला नोट अमान्य
आरबीआई की ओर से साफ कर दिया गया है कि गवर्नर के साइन के बिना कोई भी करेंसी नोट कानूनी वैधता नहीं रखता। भारतीय नोटों पर आरबीआई गवर्नर का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है, क्योंकि वही उस नोट की प्रामाणिकता का प्रमाण होता है। कुछ पुराने या गड़बड़ी वाले नोटों में यह साइन छूट जाता है, जो नोट छपाई की तकनीकी खामी का नतीजा हो सकता है। ऐसे में इन नोटों को वैध नहीं माना जाएगा और बैंक या एटीएम में इन्हें एक्सेप्ट नहीं किया जाएगा। अगर आपके पास ऐसा कोई नोट है तो उसे तुरंत बैंक में जमा करवा देना चाहिए ताकि आगे परेशानी से बचा जा सके।
कैसे पहचानें असली नोट
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपके पास का नोट असली है या नहीं, तो सबसे पहले यह देखें कि उसमें आरबीआई गवर्नर का हस्ताक्षर है या नहीं। इसके अलावा नोट पर छपी सीरियल नंबर, वाटरमार्क, महात्मा गांधी की तस्वीर और सिक्योरिटी थ्रेड भी चेक करें। नए नोटों में माइक्रो लेटरिंग और फ्लोरेसेंट इंक जैसी तकनीकें भी होती हैं जो असली नोट को पहचानने में मदद करती हैं। अगर किसी नोट में ये सभी फीचर मौजूद नहीं हैं या गवर्नर का हस्ताक्षर गायब है तो समझ लें कि वह नोट अमान्य हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप तुरंत बैंक में संपर्क कर सकते हैं।
आरबीआई की अपील
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के सभी नागरिकों से अपील की है कि वे करेंसी नोट लेते समय सावधानी बरतें और केवल वैध नोटों का ही लेनदेन करें। आरबीआई का कहना है कि गवर्नर साइन के बिना कोई भी नोट वैध नहीं माना जाएगा। अगर आपके पास ऐसा कोई नोट आता है तो उसे तुरंत बैंक या निकटतम शाखा में दिखाएं। बैंक ऐसे नोटों को स्वीकार कर जांच के लिए भेजेगा और यदि वह तकनीकी खामी के कारण बना है तो उसे बदला भी जा सकता है। आरबीआई की यह अपील नकली करेंसी और सिस्टम में गड़बड़ी रोकने के लिए बेहद जरूरी कदम है।
आम जनता की चिंता
इस खबर के सामने आने के बाद आम लोगों के बीच चिंता का माहौल बन गया है। बहुत से लोग यह सोच रहे हैं कि उनके पास मौजूद कुछ पुराने नोटों पर साइन नहीं है या फीका हो चुका है। हालांकि आरबीआई ने यह स्पष्ट किया है कि तकनीकी कारणों से खराब या हल्के साइन वाले नोटों के लिए विशेष नियम हैं और जरूरत पड़ने पर ऐसे नोटों को बैंक में बदला जा सकता है। जनता को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूर बरतनी चाहिए। आगे चलकर ऐसे मामलों में परेशानी से बचने के लिए लेनदेन करते समय नोटों की जांच करना अब आवश्यक हो गया है।
नकली नोटों पर भी सख्ती
बिना साइन वाले नोटों के साथ-साथ आरबीआई अब नकली नोटों के मामलों पर भी सख्ती बढ़ा रहा है। हाल ही में कई ऐसे केस सामने आए हैं जहां फर्जी नोटों का इस्तेमाल कर दुकानों, बाजारों और एटीएम में धोखाधड़ी की गई है। इसलिए आरबीआई और सभी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे नकली नोटों की पहचान के लिए विशेष मशीनों और प्रशिक्षण का उपयोग करें। जनता को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे नकली नोट मिलने पर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या बैंक को सूचित करें। यह कदम वित्तीय सुरक्षा को बनाए रखने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।
भविष्य में होंगे और बदलाव
नोटों की छपाई और सर्कुलेशन को लेकर आरबीआई आने वाले समय में और भी कड़े कदम उठा सकता है। गवर्नर के साइन से लेकर सिक्योरिटी फीचर्स तक सभी बातों पर अब तकनीकी निगरानी होगी। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और नकली नोटों पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई अब नोटों की पहचान को ज्यादा सुरक्षित और स्मार्ट बनाने की दिशा में काम कर रहा है। यह संभव है कि भविष्य में हर नोट पर डिजिटल ट्रैकिंग कोड भी जोड़ा जाए ताकि ट्रेसिंग आसान हो सके। इससे आम जनता को भी भरोसा मिलेगा और वित्तीय व्यवस्था अधिक पारदर्शी बन सकेगी।
अस्वीकृति
यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारियां समाचार स्रोतों और सरकारी घोषणाओं पर आधारित हैं लेकिन इसे कानूनी या वित्तीय सलाह न समझा जाए। करेंसी से संबंधित किसी भी निर्णय से पहले आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट या बैंक से संपर्क करें। अगर आपके पास कोई नोट गवर्नर के साइन के बिना है, तो बैंक में जाकर पुष्टि करें। हम किसी भी नोट की वैधता या अस्वीकृति की जिम्मेदारी नहीं लेते। यह लेख जानकारी बढ़ाने के लिए है, कृपया अंतिम निर्णय लेते समय सत्यापित स्रोतों की सहायता लें।