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SBI, PNB, HDFC ग्राहकों के लिए अलर्ट, ₹10,000 नहीं रखे तो कटेंगे पैसे! Minimum Balance Rules

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SBI, PNB, HDFC ग्राहकों के लिए अलर्ट, ₹10,000 नहीं रखे तो कटेंगे पैसे! Minimum Balance Rules

Minimum Balance Rules: अगर आपका खाता SBI, PNB या HDFC जैसे प्रमुख बैंकों में है, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि अब न्यूनतम बैलेंस न रखने पर हर महीने बैंक आपके खाते से पैसे काट सकता है। बैंक ने साफ किया है कि अगर ग्राहक खाते में निर्धारित सीमा से कम बैलेंस रखते हैं तो पेनल्टी के रूप में शुल्क लगाया जाएगा। कई लोग अपने खाते में सिर्फ नाममात्र की राशि रखकर निश्चिंत हो जाते हैं, लेकिन अब यह आदत जेब पर भारी पड़ सकती है। इसलिए यह समय है जब सभी खाताधारकों को अपने खाते की स्थिति को लेकर गंभीर हो जाना चाहिए वरना हर महीने नुकसान झेलना पड़ेगा।

न्यूनतम राशि की सीमा

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हर बैंक अपने ग्राहकों के लिए क्षेत्र के अनुसार न्यूनतम राशि तय करता है। उदाहरण के लिए SBI मेट्रो शहरों में ₹3000, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ₹2000 और ग्रामीण इलाकों में ₹1000 की न्यूनतम राशि अनिवार्य करता है। वहीं HDFC में यह सीमा ₹10000 तक जाती है और PNB में ₹500 से ₹2000 तक हो सकती है। यदि खाता धारक इतनी राशि नहीं रखता है, तो सेवा शुल्क के नाम पर हर महीने खाते से पैसे काटे जाते हैं। इसलिए ग्राहक को अपने बैंक के नियम जानने चाहिए और उसी के अनुसार खाते में राशि बनाए रखनी चाहिए ताकि कटौती से बचा जा सके।

चार्ज कटने की प्रक्रिया

अगर किसी खाते में न्यूनतम राशि नहीं रहती है तो बैंक हर महीने चार्ज काटना शुरू कर देता है। यह चार्ज ₹10 से ₹500 के बीच हो सकता है जो खाते के प्रकार और क्षेत्र के अनुसार तय होता है। इसके अलावा बैंक जीएसटी भी जोड़ देता है जिससे कुल कटौती और बढ़ जाती है। यह राशि बैंक बिना किसी पूर्व सूचना के काट सकता है। बहुत से लोग जब खाते की जानकारी निकालते हैं तभी उन्हें कटौती का पता चलता है। इसलिए यह आवश्यक है कि हर व्यक्ति अपने खाते की नियमित जांच करता रहे और समय रहते संतुलन बनाए रखे।

किन ग्राहकों पर असर

न्यूनतम बैलेंस न रखने की स्थिति में सबसे अधिक असर कम आय वाले वर्ग, छात्र, बुजुर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों के खाताधारकों पर पड़ता है। ऐसे लोग अक्सर बैंकिंग नियमों से अनजान रहते हैं और उनके खाते में पैसे भी सीमित होते हैं। बार बार चार्ज कटने से खाता धीरे धीरे खाली हो जाता है या कभी कभी नेगेटिव बैलेंस में चला जाता है। बहुत बार उन्हें यह भी नहीं पता चलता कि पैसा क्यों कटा। इन सभी परेशानियों से बचने के लिए जानकारी होना और खाते में नियमित रूप से न्यूनतम राशि बनाए रखना जरूरी हो जाता है ताकि पेनल्टी से बचा जा सके।

जीरो बैलेंस विकल्प

यदि आप तय न्यूनतम राशि बनाए रखने में असमर्थ हैं तो बेहतर विकल्प है कि आप जीरो बैलेंस खाता खोलें। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत मिलने वाले खाते, या पोस्ट ऑफिस में खुलने वाले खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने की कोई बाध्यता नहीं होती। ऐसे खातों में आपको जरूरी बैंकिंग सुविधाएं भी मिलती हैं और किसी तरह का कोई मासिक शुल्क भी नहीं कटता है। यह योजना खासकर छात्रों, महिलाओं, किसानों और मजदूर वर्ग के लिए बनाई गई है। इसलिए अगर आप बार बार चार्ज से परेशान हैं तो इस प्रकार के खाते को अपनाकर राहत पा सकते हैं।

खाता निगरानी रखें

खाते में न्यूनतम राशि बनी रहे इसके लिए जरूरी है कि ग्राहक अपने खाते की नियमित निगरानी करते रहें। मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग, एसएमएस अलर्ट और पासबुक अपडेट जैसे विकल्प मौजूद हैं जिनसे आप पता लगा सकते हैं कि खाते में कितनी राशि है। महीने में कम से कम दो बार बैलेंस चेक करना आदत में शामिल कर लें ताकि किसी भी कटौती से पहले जानकारी मिल सके। बहुत बार लोग एसएमएस पढ़ना नजरअंदाज कर देते हैं और बाद में कटौती देखकर हैरान रह जाते हैं। अगर नियमित रूप से जांच करते रहेंगे तो पेनल्टी से बच सकते हैं।

बैंक का पक्ष

बैंक का कहना है कि खातों का संचालन और सेवा देने में उन्हें खर्च आता है। सर्वर, एटीएम सुविधा, मोबाइल ऐप और कस्टमर केयर जैसी सुविधाएं चलाने के लिए बैंक को न्यूनतम बैलेंस की जरूरत होती है। इसीलिए बैंकों ने न्यूनतम राशि रखने की शर्त तय की है। हालांकि कुछ ग्राहक इसे अन्याय मानते हैं लेकिन बैंक इसे जरूरी खर्च बताते हैं। साथ ही बैंक यह भी कहते हैं कि यदि ग्राहक कम राशि वाला खाता चाहते हैं तो उनके लिए अलग-अलग विकल्प भी मौजूद हैं जिनमें किसी तरह की पेनल्टी नहीं लगती। बस ग्राहकों को सही विकल्प चुनने की जरूरत है।

ग्राहकों के लिए सुझाव

अगर आप बैंक चार्ज से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या ब्रांच से यह जानकारी लें कि आपके खाते के लिए न्यूनतम राशि कितनी निर्धारित की गई है। उसके बाद यह सुनिश्चित करें कि खाते में वह राशि हमेशा बनी रहे। यदि आप तय सीमा के अनुसार राशि नहीं रख सकते तो जीरो बैलेंस खाता खोलना बेहतर होगा। इसके अलावा किसी भी कटौती को लेकर आप बैंक में लिखित शिकायत कर सकते हैं। अगर समाधान न मिले तो बैंकिंग लोकपाल के पास भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। अपने पैसे की सुरक्षा आपके हाथ में है।

अस्वीकृति

यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सभी जानकारियां बैंक की वेबसाइट और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित हैं जो समय के साथ बदल सकती हैं। न्यूनतम बैलेंस, सेवा शुल्क और अन्य नियम अलग अलग बैंक में अलग हो सकते हैं। इसलिए किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने बैंक से संपर्क करें या उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी लें। यह लेख किसी प्रकार की वित्तीय सलाह नहीं है। किसी भी नुकसान, भ्रम या गलतफहमी के लिए लेखक या प्लेटफॉर्म जिम्मेदार नहीं होंगे। पाठकों से अनुरोध है कि निर्णय लेने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें।

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Rajendra Kumar Patel

Rajendra Kumar Patel

मैं राजेंद्र पटेल हूँ, वर्तमान में अपनी बी.ए. की पढ़ाई कर रहा हूँ और हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में अपने कौशल को निखार रहा हूँ मुझे पाठकों से जुड़ने वाली और समझने में आसान सामग्री बनाने का शौक है। नई - नई और रोमांचक जानकारी के लिए नियमित रूप से इस वेबसाइट पर विजिट करें

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