Dearness Allowance News : सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बार फिर महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) का रुका हुआ एरियर चर्चा में आ गया है। पिछले 5 वर्षों से जो सवाल अधूरा था – “18 महीने का DA एरियर कब मिलेगा?” – अब फिर ज़ोर पकड़ रहा है। कारण है हाल ही में हुए सरकारी कर्मचारी संगठनों की बैठक, जिसमें इस मुद्दे को केंद्र में रखा गया।
महामारी के दौरान रोका गया था DA और DR
मार्च 2020 से जून 2021 तक का वक्त देश के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। कोविड के कारण केंद्र सरकार को आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ा और इसी दौरान फैसला हुआ कि महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) की बढ़ोतरी पर रोक लगाई जाएगी। इस निर्णय का सीधा असर करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर पड़ा। उस समय सरकार ने साफ कहा था कि रोकी गई राशि का कोई एरियर भविष्य में नहीं दिया जाएगा।
कर्मचारी संगठनों की दलील
सरकारी यूनियनों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान भी जब देश ठहर गया था, तब सरकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। मेडिकल स्टाफ से लेकर पुलिसकर्मी, प्रशासन से लेकर सफाईकर्मी – सभी ने जान जोखिम में डालकर सेवा दी। फिर ऐसे में उनके भत्ते को रोकना और अब तक ना देना, अनुचित है।
JCM बैठक में उठी तेज़ आवाज
हाल ही में हुई 63वीं JCM (Joint Consultative Machinery) की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को फिर से सामने रखा। उनका कहना था कि यह सिर्फ पैसों का मामला नहीं है, बल्कि यह कर्मचारियों के सम्मान और अधिकार से जुड़ा मसला है।
“सरकार नई योजनाओं और घोषणाओं की बात करती है, लेकिन जब तक पुराने वादे पूरे नहीं होते, तब तक भरोसा बहाल नहीं हो सकता,” यूनियन प्रतिनिधियों का साफ संदेश था।
वित्त मंत्रालय की स्थिति
सरकार की ओर से अब तक यही तर्क दिया जाता रहा है कि कोविड के बाद आर्थिक संतुलन बनाए रखने के लिए भत्तों का भुगतान रोकना जरूरी था। और अब भी यदि ये बकाया भुगतान किया जाता है तो बजट पर भारी असर पड़ेगा।
लेकिन कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अब जब सरकार का GST कलेक्शन और राजस्व पहले से बेहतर स्थिति में है, तो अब इस तर्क का कोई आधार नहीं रह गया है।
आंदोलन की चेतावनी फिर दोहराई गई
कर्मचारी संगठनों ने साफ किया है कि यदि इस बार भी सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो वे देशभर में व्यापक प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब सरकार को यह दिखाना चाहिए कि वह अपने कर्मचारियों की क़दर करती है।
शांतिपूर्वक आंदोलन की शुरुआत चेतावनी के तौर पर होगी, लेकिन अगर फिर भी बात नहीं बनी तो हड़ताल और प्रदर्शन की ओर कदम बढ़ाया जाएगा।
8वें वेतन आयोग की मांग भी शामिल
बैठक में एक और प्रमुख मुद्दा उठा – 8वें वेतन आयोग का गठन। कर्मचारी चाहते हैं कि आयोग का गठन समय पर हो, ताकि 2026 से नई सिफारिशें लागू की जा सकें। साथ ही उन्होंने मांग की कि अगर सिफारिशों के क्रियान्वयन में देरी होती है तो उसका भी एरियर उन्हें मिलना चाहिए।
सरकार की नई बीमा योजना
बैठक के दौरान सरकार ने एक नई बीमा योजना की बात की, जिसमें कर्मचारियों और उनके परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य कवर देने की बात कही गई। लेकिन संगठनों ने इसे “पुराने मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश” करार दिया। उनका कहना था कि पहले से लंबित भुगतान और समस्याओं को सुलझाए बिना नई घोषणाओं का कोई फायदा नहीं।
निष्कर्ष
18 महीने का DA और DR एरियर अब सिर्फ एक वित्तीय मसला नहीं रह गया है, यह लाखों परिवारों की उम्मीद और भरोसे से जुड़ा मामला बन गया है। सरकार के पास अब दो ही रास्ते हैं – या तो कर्मचारियों की बात माने और समाधान दे, या फिर देशभर में असंतोष के लिए तैयार रहे सरकारी कर्मचारियों ने मुश्किल समय में देश का साथ दिया। अब वक्त है कि सरकार भी उनके साथ खड़ी हो।