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रजिस्ट्री से पहले न देखा ये दस्तावेज? नई प्रॉपर्टी बन सकती है बड़ी मुसीबत! Property Registry Documents

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रजिस्ट्री से पहले न देखा ये दस्तावेज? नई प्रॉपर्टी बन सकती है बड़ी मुसीबत! Property Registry Documents

Property Registry Documents: जब भी आप कोई नई प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे होते हैं, तो उसका सौदा करना जितना आसान लगता है, उतना ही जटिल होता है रजिस्ट्री से पहले की जांच प्रक्रिया। बहुत से लोग सिर्फ बिक्री मूल्य या लोकेशन देखकर संपत्ति खरीद लेते हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि कानूनी दस्तावेजों की जांच सबसे अहम हिस्सा होता है। अगर आपने जरूरी दस्तावेजों की वैधता जांचे बिना रजिस्ट्री करा ली, तो बाद में यह संपत्ति कानूनी विवाद में फंस सकती है। इससे न केवल आर्थिक नुकसान होता है बल्कि वर्षों तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं। इसलिए किसी भी सौदे से पहले सभी दस्तावेजों की गहराई से जांच करना आवश्यक है।

टाइटल डीड की वैधता

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टाइटल डीड यानी स्वामित्व दस्तावेज वह सबसे अहम कागज होता है जो यह प्रमाणित करता है कि विक्रेता के पास उस प्रॉपर्टी का कानूनी मालिकाना हक है या नहीं। यह दस्तावेज यह भी दर्शाता है कि उस संपत्ति पर किसी तीसरे पक्ष का दावा या बकाया तो नहीं है। यदि टाइटल डीड में कोई त्रुटि या अस्पष्टता हो, तो भविष्य में संपत्ति पर विवाद खड़ा हो सकता है। इसलिए प्रॉपर्टी खरीदने से पहले किसी अनुभवी वकील से इस डीड की वैधता की जांच करवा लेना ही समझदारी होती है। इसके बिना की गई रजिस्ट्री भविष्य में निरस्त भी की जा सकती है।

एनओसी और एनओसी क्लियरेंस

प्रॉपर्टी से जुड़ी एनओसी यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट एक ऐसा जरूरी दस्तावेज होता है जो यह दर्शाता है कि संपत्ति पर किसी सरकारी विभाग या प्राधिकरण की कोई आपत्ति नहीं है। यह सर्टिफिकेट हाउसिंग बोर्ड, नगर निगम, जल बोर्ड और बिजली विभाग जैसे संबंधित विभागों से लेना पड़ता है। यदि यह सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं है तो भविष्य में संपत्ति पर निर्माण या किसी अन्य प्रकार की वैधता को लेकर परेशानी आ सकती है। एनओसी की अनुपस्थिति में रजिस्ट्री भले हो जाए, लेकिन बैंक से लोन मिलना भी मुश्किल हो सकता है।

लोन या बकाया की स्थिति

बहुत बार ऐसा होता है कि प्रॉपर्टी विक्रेता उस संपत्ति पर पहले से लोन लिए होता है और वह पूरी जानकारी खरीदार से छुपा लेता है। ऐसी स्थिति में अगर खरीदार बिना जांच के रजिस्ट्री करवा लेता है तो बैंक उस संपत्ति पर दावा ठोक सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि खरीदने से पहले विक्रेता से लोन क्लीयरेंस सर्टिफिकेट लिया जाए और बैंक से लिखित रूप से पुष्टि की जाए कि प्रॉपर्टी पर कोई बकाया नहीं है। अगर लोन चल रहा हो तो उसकी ट्रांजैक्शन जानकारी लेना और समझना बेहद जरूरी है।

बिक्री अनुबंध और रजिस्ट्री

बिक्री अनुबंध यानी सेल एग्रीमेंट रजिस्ट्री से पहले का एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसमें दोनों पक्षों की शर्तें और जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से दर्ज होती हैं। इस एग्रीमेंट में संपत्ति का विवरण, कीमत, भुगतान की तारीख और कब्जा देने की शर्तें शामिल होती हैं। यदि यह दस्तावेज सही तरीके से नहीं बना या रजिस्ट्री के साथ मेल नहीं खाता तो भविष्य में कानूनी जटिलताएं हो सकती हैं। रजिस्ट्री से पहले सेल एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन भी करवाना आवश्यक है ताकि दोनों पक्षों के अधिकार सुरक्षित रहें।

आयकर और जीएसटी की स्थिति

यदि आप कोई कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो उसके साथ जुड़ी टैक्स देनदारियों को समझना भी जरूरी है। कई बार प्रॉपर्टी पर पहले का बकाया जीएसटी या प्रॉपर्टी टैक्स होता है जिसे खरीदार को बाद में चुकाना पड़ता है। साथ ही विक्रेता द्वारा इनकम टैक्स का भुगतान सही तरीके से किया गया है या नहीं, इसका भी रिकॉर्ड जरूरी होता है। यदि टैक्स रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी होती है तो इनकम टैक्स विभाग भविष्य में संपत्ति पर कार्रवाई कर सकता है।

कब्जा प्रमाण पत्र और म्युटेशन

कब्जा प्रमाण पत्र यह प्रमाणित करता है कि विक्रेता ने संपत्ति पर वैध कब्जा ले लिया था और अब वह इसे हस्तांतरित कर रहा है। वहीं म्युटेशन प्रक्रिया के तहत संपत्ति को सरकारी रिकॉर्ड में खरीदार के नाम पर स्थानांतरित किया जाता है। यदि म्युटेशन नहीं होता है तो आप कानूनी रूप से मालिक नहीं माने जाते हैं, भले ही रजिस्ट्री हो चुकी हो। इसलिए रजिस्ट्री के बाद तुरंत म्युटेशन कराना जरूरी होता है ताकि संपत्ति पर आपका अधिकार स्पष्ट रूप से सरकारी रिकॉर्ड में भी दर्ज हो जाए।

अस्वीकृति

यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सभी जानकारियां विभिन्न स्रोतों और कानूनी सलाह पर आधारित हैं लेकिन यह किसी प्रकार की कानूनी सलाह का स्थान नहीं लेती। प्रॉपर्टी खरीदने से पहले किसी अधिकृत रजिस्टर्ड वकील, रियल एस्टेट सलाहकार या संबंधित सरकारी विभाग से पुष्टि अवश्य करें। किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से पहले सभी शर्तों को समझना और पढ़ना आवश्यक है। लेखक या प्रकाशक लेख में दी गई जानकारी के उपयोग से उत्पन्न किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।

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Rajendra Kumar Patel

Rajendra Kumar Patel

मैं राजेंद्र पटेल हूँ, वर्तमान में अपनी बी.ए. की पढ़ाई कर रहा हूँ और हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में अपने कौशल को निखार रहा हूँ मुझे पाठकों से जुड़ने वाली और समझने में आसान सामग्री बनाने का शौक है। नई - नई और रोमांचक जानकारी के लिए नियमित रूप से इस वेबसाइट पर विजिट करें

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